DEITIES Rädhä London Éçvara…Rädhä Paris Isvara…
Rädhä Bombay Éçvara

भक्त− महाराज जी ! हमने Internet पर देखा था कि London में एक मन्दिर है और उस मन्दिर में जो विग्रह हैं, उसमें उनका उन्होंने नाम रखा ‘London Éçvara’ । तो सुनकर बड़ा अचम्भा हुआ । तो आपसे जानना चाह रहे थे महाराज जी, क्या यह नाम उचित है ?

महाराज जी− ‘Rädhä London Éçvara’− यह एक मन्दिर में राधाकृष्ण के विग्रह‌ को नाम दिया गया है और हमने… आपने नहीं सुना होगा… एक मन्दिर में राधाकृष्ण के विग्रह को नाम दिया ‘Rädhä Paris Éçvara’ भी… कि वो ‘Rädhä London Éçvara’, ‘Rädhä Paris Éçvara’… अब प्रश्न है कि यह नाम उचित है या नहीं ? यह आप खुद ही निर्णय कर सकते हैं । ठाकुर…जो हमारे विग्रह हैं, वे कोई एक सांकेतिक नहीं हैं कि संकेत करने के लिये कि ये हमारे ठाकुर हैं । वे हमारे प्राण हैं ! जिस नाम से उन्हें हम यहाँ पुकारते हैं, उसी नाम से उन्हें हम नित्य पुकारेंगे । इसलिये तो उनकी उपासना रोज़ कर रहे हैं, नहीं तो क्यों करेंगे ? जिनकी उपासना कर रहे हैं, वे हमारे कतरे-कतरे में घुल जायें । आप सोचिये, क्या कभी आपके कतरे-कतरे में London Éçvara घुल सकता है । एक London मतलब संसारी…एक geographical स्थान London । अब जैसे मान लो किसी का अचानक मन करे, तो फिर भारत में वो अपने… राधाकृष्ण की मूर्ति ले और नाम रख दे Rädhä Bombay Éçvara या किसी के मन्दिर का…वो लिख दे Ahmedabad Éçvara या किसी का और मन करे विदेशी का…Rädhä Czechoslovakia Éçvara…तो यह तो अशास्त्रीय है बिल्कुल ! इसका कोई औचित्य नहीं है । थोड़े दिनों पहले तो London था भी नहीं । मान लो अभी कोई और country कब्ज़ा कर लेती है, वो बन जाता है West Indies या कुछ भी… तो आपके जो ईश्वर हैं, उनका अस्तित्व ही नहीं रहा ।

London का ही अस्तित्व ही नहीं रहा, तो किसके ईश्वर हैं वो ? जो चीज़ है नहीं, उसके ईश्वर ? तो वो बिल्कुल व्यर्थ के नाम हैं । कभी सुना है…हा प्राणनाथ ! हा गोपीनाथ ! हा मदनमोहन ! हे गोविन्द ! ये तो सुना है सभी ने । हा London Éçvara ! हा हा Patna Éçvara ! ऐसा नहीं होता । यह अशास्त्रीय है और यह शास्त्र मर्यादा का उल्लंघन करके ये नाम लिये गये हैं ।

एक और स्थान है… मन्दिर है, वहाँ नाम है… ‘किशोर-किशोरी’ । पुराणों में वर्णन आता है कि जब भी विग्रह का नाम दो, पहले राधा का नाम होगा, फिर श्रीकृष्ण का नाम होगा । यह पुराणों में आदेश हैं ठाकुरजी के । तो किशोर-किशोरी में नाम पहले किसका है ? श्रीकृष्ण का । तो खुद ही निर्णय कर सकते हैं, यदि पुराण भगवद् वाणी हैं, तो यह कितना शास्त्रीय है ? Rädhä London Éçvara के बारे में तो विचार करने की भी ज़रूरत नहीं है । Paris Éçvara. कोई और advance हो गया हो… आप कहो… हम Tilak Nagar… तो Rädhä Tilak Nagar Éçvara… आप कुछ भी लिख सकते हो… कुछ भी बना दो… यह अनुचित है । Geographical नाम नहीं होता भगवान् का । नित्य नाम होता है, प्रेम का नाम । प्रेम से जो भक्त पुकारते हैं, वह ठाकुरजी का नाम होता है । लीला सम्बन्धित होता है नाम ।